भंवरलाल बाफना@रतलाम
रतलाम के श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, नीमचौक में पूज्या महासती दक्षिण चंद्रिका डॉ संयमलता जी मसा की नवरात्रि में 10 दिनों की मौन ध्यान साधना के बाद हुई महामंगलिक में समाजजनों का सैलाब उमड़ा। नीमचौक के इतिहास में इतना बड़ा जनसैलाब पहली बार एकत्रित हुआ। पूरा स्थानक, पीछे गैलरी, ऊपर की तीन गैलरी, चढ़ाव, नीचे बरांडा और तो सड़क पर भी श्रध्दालु महामांगलिक सुनने के लिए एकत्रित हुए। महासतीजी ने लगातार 25 मिनिट तक कई महामंगलकारी मंत्रो वाली मांगलिक फरमाई।
सबसे विशेष बात : वैसे तो महासतीजी की वाणी हमेशा ही मधुर होती है, लेकिन कल की जो माँगलिक के वक्त महासतीजी जी वाणी थी ऐसा लग रहा था साक्षात सरस्वती महासतीजी जी जिव्हा पर विराजमान होकर माँगलिक फ़रमा रहे हो, क्योंकि कल की मांगलिक में मसा की आवाज प्रतिदिन के मुकाबले बिल्कुल ही अलग एवं दिव्य थी, ऐसा लग रहा था जैसे वीणा की मधुर स्वर लहरिया निकल रही हो। कई लोंगो ने अनुभव किया, कईयों ने आँख खोल कर देखा कि बड़े मसा ही माँगलिक फ़रमा रहे है या कोई और। धारा प्रवाह माँगलिक में मधुरता और दिव्यता का अनुभव सभी ने किया।


