सिद्धार्थ कांकरिया @ थांदला
थांदला। धर्म और संस्कृति से नागरिकों को जोड़े रखने, रूबरू करवाने और सामाजिक एकता का संदेश देने के लिए थांदला में 4 दिवसीय तेजाजी के नाटक का आयोजन किया गया। संगीतमय आयोजन में कलाकारों द्वारा तेजाजी के जीवन पर आधारित किस्सों का ऐसा मंचन किया कि दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। नगर के मध्य स्थित पीपली चौराहे पर होने वाले इस आयोजन को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु देर रात तक डटे रहे। आयोजन का समापन शनिवार की देर रात में हुआ।
आयोजन की जानकारी देते हुए राठौर समाज के पदाधिकारियों ने बताया कि आयोजन में गौ रक्षक तेजाजी महाराज का अभिनय समाज के वरिष्ठ सदस्य लक्ष्मण राठौड़ ने किया। तेजाजी के साथी (मित्र)- लाला उदयचंद राठौड़, नागराज का अभिनय बसंतीलाल हीरा राठौड़, मेणा डाकुओं का अभिनय कन्हैयालाल हीरा राठौड़, आशुतोष राठौड़, रवि राठौड़, यश राठौड़ ने किया। तेजाजी की माता चेनसिंह, पत्नी गौरी सुंदर का अभिनय तेरसिंह और सखी लाक्षा गुजरी का अभिनय शैतान द्वारा किया गया। पंडित का अभिनय मांगीलाल पुजारी द्वारा किया गया। नाटक में महाराज तेजाजी के जीवन की शुरुआत से लेकर अंत तक उल्लेखनीय किस्सों को प्रस्तुत किया गया। जिसमें मुख्य रुप से 9 लाख गायों को बचाने के लिए मेणा डाकूओ से युद्ध, सर्प दंश का मंचन उल्लेखनीय तरीके से किया गया। मंचन में तेजा दशमी पर सर्पदंश से पीड़ित नागरिकों की ताँतिया खोलने, नवमी के जागरण का महत्व, तेजाजी की अमरता के आदि किस्सों का प्रमुखता से मंचन किया गया।
कार्यक्रम में जमनालाल राठौड़, तेजमल राठौड़, उमेश राठौड़, नानालाल राठौड़, सुनील राठौड़ सहित राठौर समाज के युवाओं और समाजसेवी संस्थाओं का विशेष सहयोग रहा।


