बामनिया में एक बेटी ने रुढ़िवादी परंपराओं को तोड़ते हुए पिता के निधन के बाद अर्थी को कंधा देकर मुक्तिधाम पहुंचकर पूरे विधि विधान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया।
गौरतलब है कि नगर के मेडिकल संचालक जितेश परमार की पत्नी सीमा परमार के पिता श्यामलाल परमार उज्जैन में निवासरत थे। 2021 में कोरोनाकाल में उनकी पत्नी चंदाबाई व पुत्र बबलू परमार का देहांत हो गया था। जिसके बाद बेटी सीमा व उनके पति जितेश परमार उन्हें अपने साथ ही रहने के लिए बामनिया लेकर आ गए। इस दौरान बेटी सीमा परमार ने भी पिता की खूब सेवा की। उन्होंने यह भी साबित कर दिया कि बेटा-बेटी में कोई अंतर नहीं होता।
रविवार सुबह अचानक श्यामलाल की ह्रदयघात से मौत हो गई। अंतिम संस्कार रविवार की शाम को बामनिया मुक्तिधाम पर किया गया। बेटी सीमा के साथ उनके पति जितेश व पुत्र मंथन परमार ने चिता को मुखाग्नि दी।