सिद्धार्थ कांकरिया @ थांदला
थांदला। थांदला में सीएमएस स्कूल खुलने के बाद असमंजस की स्थिति बन गई है। स्कूल शुरू होने और विशालकाय भवन गिराने के बाद जहां एक और प्रशासन स्कूल के स्थान तक का चयन नहीं कर पाया है। वहीं दशहरा मैदान को लेकर नया विवाद छिड़ गया है। आने वाले दिनों में शैक्षणिक सत्र शुरू होने वाला है। ऐसे में सीएम राइस स्कूल के सपने संजोय 2500 विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों और आम नागरिकों का दिल पसीजा जा रहा है।
क्या है मामला
कुछ जनप्रतिनिधियों का मानना है कि सीएमएस स्कूल और आवासीय परिसर बनने से थांदला के वर्षों पुराना दशहरा मैदान का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। वहीं कुछ जनप्रतिनिधियों का मानना है कि थांदला में सीएम राईस एक सौगात के रूप में आया है। इसका स्वागत करना चाहिए। साथ ही स्कूल में 2500 बच्चे अध्ययन करेंगे। उनके लिए सुसज्जित ग्राउंड होना भी बहुत आवश्यक है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में यह स्कूल थांदला के ही एक अन्य मैदान में संचालित होना था। जिसके बाद शासन ने इस स्कूल को सुतरेटी में स्थानांतरित किया। लेकिन एक अन्य आदेश के बाद उक्त स्कूल को थांदला शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया। यहां स्कूल स्थानांतरित होते ही पुराना भवन तोड़ दिया गया और नवीन भवन को बनाने की जद्दोजहद शुरू हो गई। लेकिन इसी बीच भाजपा के जनप्रतिनिधि और पदाधिकारियों द्वारा पूरे मामले में उक्त स्कूल के पास बने दशहरा मैदान को बचाने की कथित कवायद अब शुरू हो गई है। यह कवायद जमीनी स्तर से लेकर सोशल मीडिया पर इन दिनों खूब चल रही है। जो जनप्रतिनिधि दशहरा मैदान बचाने में लगे हैं। वह सोशल मीडिया पर नागरिकों से समर्थन मांग रहे हैं। वही सोशल मीडिया पर वे लोग जो सीएम राइस स्कूल और उक्त स्कूल के लिए ग्राउंड चाहते हैं उन्होंने अपनी कैंपेनिंग सोशल मीडिया पर अलग शुरू कर दी है। अलग-अलग कैंपेनिंग में जहां भाजपा के दो गुट स्पष्ट रूप से नजर आ रहे हैं। वहीं पूरे मामले में प्रशासन की निष्क्रियता भी स्पष्ट दिखाई दे रही है। क्योंकि लगभग 1 सप्ताह बीत जाने के बाद भी प्रशासन यह तय नहीं कर पाया है कि सीएम राइस स्कूल कहां बननी चाहिए। इधर चुनावी साल होने के बाद भी विपक्ष में बैठी कांग्रेस पूरे मुद्दे पर चुप क्यों है यह समझ से परे है।

भवन डिस्मेंटल करने के पहले दी गई थी सूचना
शा. बा. उ. उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के 12 अप्रैल 2023 के पत्र क्रमांक सीएम राइस/ 2023/ 250 से भवन डिस्मेंटल करने की सूचना कलेक्टर, सहायक आयुक्त, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत झाबुआ, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व और खंड शिक्षा अधिकारी की ओर प्रेषित की थी। जिसमें उन्होंने स्पष्ट उल्लेख किया था। कि सीएम राइस स्कूल के लिए उक्त स्कूल को चयन किया गया है। जिसके अंतर्गत भवन को डिस्मेंटल किया जाना है। और नवीन भवन बनाया जाना है। नवीन भवन बनाने के लिए झाबुआ की भगवानदास अग्रवाल कंपनी को आदेशित किया था। साथ ही 15 अप्रैल से संबंधित फर्म द्वारा भवन के डिस्मेंटल का कार्य प्रारंभ कर दिया गया था। लेकिन सूचना मिलने के बाद भी जिला प्रशासन ने उस समय कोई एक्शन नही लिया। जिसके बाद
1984 में बना विशालकाय भवन पूर्ण रूप से डिस्मेंटल कर दिया गया। और अब बाद में प्रशासन यह निर्धारित नहीं कर पाया है। कि सीएम राइस स्कूल को कहां बनाया जाना है। यह बात जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है।
वर्तमान कन्याशाला में लगेगा सीएम राइस स्कूल का नया सत्र
वही 6 जून को सहायक आयुक्त के पत्र क्रमांक/शिक्षा/सीएम राइस/2023/3861 द्वारा दिए गए नवीन आदेश के बाद आगामी शिक्षा सत्र में सीएम राईस स्कूल वर्तमान की कन्या शाला स्कूल में संचालित की जाएगी। अब समस्या यह है कि नियमित रूप से संचालित कन्या शाला के विद्यार्थी और सीएम राईस स्कूल के विद्यार्थी एक ही कक्षा में किस तरह से अध्ययन करेंगे। जिसके लिए फिलहाल प्रशासन ने स्कूल को दो अलग-अलग शिफ्ट में शुरू करने का निर्णय लिया है। जिसमें सुबह की शिफ्ट में कन्या शाला संचालित होगी। वही दोपहर की शिफ्ट में सीएम राइस स्कूल संचालित होगी।
अपील
सीएम राईस स्कूल के लिए जल्द ही सत्ताधारी दल, अन्य दल, प्रशासन, जनप्रतिनिधियों और आम नागरिकों को मिलकर कोई रास्ता निकालना चाहिए। जिससे थांदला की इस सौगात और बच्चों के भविष्य पर भी कोई खतरा ना आए। वही थांदला दशहरा मैदान का महत्व भी बना रहे।


