सिद्धार्थ कांकरिया @ थांदला
थांदला। नवीन परिषद नगर की मूलभूत सुविधाओं को लेकर कितनी सजग है। इसके ताजा उदाहरण हमें देखने को मिल रहे हैं। परिषद के सुस्त रवैये को देखकर विकास कार्यों की जो उम्मीद नागरिकों ने की है कही झूठी साबित ना हो जाए। नवीन नगर परिषद में युवा, ऊर्जावान अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, पार्षदों की फ़ौज है। यह लोग अपने सामर्थ्य और आत्मविश्वास का उपयोग कर नगर के हित में कई कार्य कर सकते है। वही भाजपा समर्थित परिषद की सकारात्मक बात यह भी है कि राज्य और केंद्र में भाजपा समर्थित सरकारें हैं। ऐसे में विकास कार्यों के लिए ‘फंड’ की भी कोई कमी नहीं आनी चाहिए। लेकिन वर्तमान परिषद को देखकर लगता है बड़े-बड़े चुनावी वादे कर सत्ता में आते ही पदाधिकारियों के रंग ओर तेवर दोनों ही बदल रहे है।
खेर अब बात करते है मूलभूत सुविधाओं की
परिषद का गठन मध्य सितंबर माह में हो चुका था। गठन होने के कुछ ही दिनों बाद मीडिया और आम नागरिकों ने नगर के मुख्य मार्गों के अतिक्रमण का मुद्दा नवीन परिषद के सामने उठाया था। ‘झाबुआ हिट’ पर 4 नवंबर को मुद्दा उठने के बाद परिषद के पदाधिकारियों ने मीडिया से कहा था कि अतिक्रमणकारियों को नोटिस देकर अतिक्रमण हटाया जाएगा। लेकिन परिषद की उदासीनता की हद यह हो चुकी है, कि 32 दिनों से अधिक दिन गुजर जाने के बाद भी अतिक्रमणकारियों को नोटिस तक नहीं दिया गया है। पूरी स्थितियां देखकर यह लग रहा है कि नवीन परिषद ने ‘जगत सेठों’ के आगे अपने घुटने टेक दिए हैं।

नासूर बन गया है आवारा मवेशी का मुद्दा
यही नहीं नगर के लिए नासूर बन चुकी आवारा मवेशियों की समस्या भी परिषद गंभीरता से नहीं ले रही है। आवारा मवेशियों की कुश्तियां नगर में आम हो चुकी है। इन कुश्तियों में दो पहिया, चार पहिया वाहनों की टूट-फूट हो जाती है। वही राहगीर भी घायल हो जाते हैं। बावजूद इसके परिषद ने अब तक कोई सुध नहीं ली है।
साप्ताहिक हाट बाजार का स्थान परिवर्तित करना
नगर का मुख्य मुद्दा बन चुका है साप्ताहिक हाट बाजार का स्थान के लिए परिषद अभी भी नवीन जगह ही खोज रही है। 111 गांवों के बीच सबसे बड़े शासकीय अस्पताल के प्रांगण में साप्ताहिक हाट बाजार लग रहा है। इस दौरान पल-पल जाम की स्थिति बनती है। साप्ताहिक हाट बाजार में नगर के अलावा आसपास से बड़ी संख्या में व्यापारी अपना व्यापार करने के लिए आ रहे हैं। शासकीय अस्पताल प्रांगण में लगने वाले हैं इस साप्ताहिक हाट बाजार से अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीज, उनके अटेंडरों, एंबुलेंस, जननी एक्सप्रेस जैसे जरूरी वाहनों को भी परेशानियों से होकर गुजरना पड़ रहा है। भीड़भाड़ के चलते हैं कई बार एंबुलेंस देरी से शासकीय अस्पताल में पहुंचती है। ऐसे में मरीज की जान पर भी बन आ सकती है।

वही नागरिकों का मानना है कि परिषद को उक्त तीनों ही मामले गंभीरता से लेने चाहिए नगर हित के लिए कुछ कठोर कदम भी नवीन परिषद को उठाने पड़ेंगे।
इस संबंध में नगर परिषद अध्यक्ष लक्ष्मी सुनील पणदा ने बताया कि अतिक्रमणकारियों को नोटिस देने की कार्रवाई शीघ्र ही की जाएगी। साप्ताहिक हाट बाजार के स्थान परिवर्तन के लिए नवीन जगह देखी जा रही है। शीघ्र ही साप्ताहिक हाट बाजार का स्थान भी परिवर्तित किया जाएगा।


