सिद्धार्थ कांकरिया @ थांदला
थांदला। कलेक्टर रजनी सिंह के निर्देशन और सीईओ अमन वैष्णव के मार्गदर्शन में थांदला विकासखंड के अंतर्गत नव भारत साक्षरता अभियान की शुरुआत की गई। अभियान में 15 वर्ष से अधिक उम्र के असाक्षर लोगों को चिन्हित कर उन्हें साक्षर करने का प्रयास किया गया।
19 मार्च को इन साक्षर लोगों के मूल्यांकन के लिए परीक्षाएं आयोजित की गई। जिसके लिए 126 केंद्र बनाए गए। परीक्षा में दूल्हे सहित 60 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं, पुरुष भी शामिल हुए।

जानकारी देते हुए जिला प्रौढ़ अधिकारी जगदीश सिसोदिया ने बताया कि जिले का दूसरा बड़ा लक्ष्य थांदला को मिला है। जहां 624 अक्षर साथियों की मदद से 9500 से अधिक लोगों को साक्षर बनाया गया है। सभी 126 केंद्रों पर मूल्यांकन परीक्षाएं आयोजित की गई है। इन परीक्षाओं में शामिल होने वाले नागरिक काफी उत्साहित थे।
साक्षर अभियान जिले में 4 चरणों में होने वाला है। पहले चरण में अक्षर ज्ञान दिया जा रहा है। जिसके बाद डिजिटल लिटरेसी का कार्यक्रम चलेगा। जिसमें मोबाइल एप नेट बैंकिंग आदि का ज्ञान भी दिया जाएगा।

थांदला के समीप बने सामाजिक चेतना केंद्र नवापाडा कस्बा में नीलेश वसुनिया जो हाल ही में दूल्हा बने है। उनके साथ इस केंद्र पर परीक्षा देने पहुंची 60 वर्ष से अधिक उम्र की महिला पासू बहन बताती हैं कि वे बहुत ही कम समय में वे साक्षर बन गए हैं। इसके लिए शिक्षकों की काफी मेहनत रही है। उन्होंने अन्य असाक्षर लोगों से साक्षर बनाने की बात भी कही है।
नवसाक्षर थांदला ब्लॉक प्रभारी अनिल शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि इसके पूर्व प्रचार रथ के माध्यम से नागरिकों को जागृत किया गया। साक्षरता के कारण ग्रामीणों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अब साक्षर होने के बाद ग्रामीण जन अपने हितों की रक्षा भी कर सकेंगे।
रविवार को मूल्यांकन केंद्रों का निरीक्षण अनुविभागीय अधिकारी तरुण जैन, खंड शिक्षा अधिकारी स्वरूप श्रीवास्तव, एसडीओपी रविंद्र राठी द्वारा किया गया। इस अवसर पर उन्होंने परीक्षाएं दे रहे नागरिकों से चर्चा भी की और उन्हें साक्षरता के लिए प्रोत्साहित भी किया।


