सिद्धार्थ कांकरिया @ थांदला
थांदला। कुंभ मेला का धार्मिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक महत्व है। माना जाता है कि कुंभ मेले में स्नान करने से पापों का नाश होता है। और मोक्ष की प्राप्ति होती है। कुंभ मेले में श्रद्धालु आध्यात्मिक ज्ञान और मानसिक शांति के लिए भी आते हैं। वहीं मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय अमृत की बूंदे हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में भी गिरी थी। और इन स्थानों पर स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इसी भावना के साथ प्रयागराज महाकुंभ में दर्शन करने हेतु थांदला के पार्षद समर्थ गोलू उपाध्याय और उनका परिवार भी करोड़ों श्रद्धालुओं की तरह प्रयागराज पहुंचा।
पार्षद उपाध्याय अपने साथ 20 लीटर गंगाजल लेकर थांदला पहुंचे। और गंगाजल को थांदला नगर में वितरित होने वाले पेयजल फिल्टर प्लांट में अन्य जल के साथ विधि विधान सम्मिलित किया।
नप अध्यक्ष लक्ष्मी पणदा, पार्षद गोलू समर्थ उपाध्याय ने बताया कि भाजपा हाईकमान के निर्देशों के अनुसार जो लोग प्रयागराज दर्शन हेतु किन्हीं कारणों से नहीं पहुंच सके। उन्हें भी गंगाजल के स्नान का लाभ मिल सके। इस हेतु फिल्टर प्लांट में गंगाजल सम्मिलित किया गया है। यह गंगाजल महाशिवरात्रि के 1 दिन पूर्व मंगलवार को सम्मिलित किया गया है।
इस अवसर पर भाजपा युवा नेता सुनील पणदा, मुख्य नगर पालिका अधिकारी कमलेश जायसवाल, पार्षद जगदीश प्रजापत, अशोक अरोरा, राहुल राठौड़ आदि उपस्थित थे।
नागरिकों को है उम्मीद
छोटी काशी और संत नगरी कहे जाने वाले थांदला नगर के नागरिकों को उम्मीद है कि गंगाजल की इन पवित्र बूंदों से नगर के विकास में गति आएगी जिसके सपने नागरिकों ने चुनावी दौर में देखे थे।


