बामनिया@Jhabua Hit
आचार्यश्री उमेशमुनिजी ‘अणु’ के सुशिष्य धर्मदास गणनायक, आगम विशारद, बुद्धपुत्र, प्रवर्तकश्री जिनेंद्रमुनिजी व सुहाषमुनिजी का मंगलवार को सुबह खवासा की ओर से नगर में मंगलप्रवेश हुआ। मंगलप्रवेश यात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई नारेला रोड स्थानक भवन पहुंची, जहां मुनिश्री ने सभी को मांगलिक श्रवण करवाई।
प्रवर्तकश्री जिनेन्द्रमुनीजी के मुखारविंद से 26 दिसंबर को हाटपिपलिया में जैन भगवती दीक्षा अंगीकार करने जा रहे थांदला के 26 वर्षीय मुमुक्षु प्रियांश लोढ़ा की श्री संघ द्वारा मांगलिक भवन से जोरदार उत्साह व गर्मजोशी के साथ जयकार यात्रा निकाली गई। इस दौरान समूचा नगर भगवान महावीर स्वामी, आचार्यश्रीजी, प्रवर्तकश्रीजी, मुमुक्षु के जयकारों से गुंजायमान हो गया। मुमुक्षु प्रियांश लंबे समय से श्री धर्मदास जैन स्वाध्याय संघ थांदला से जुड़कर स्वाध्यायी के रूप में अपनी अमूल्य सेवाएं दे रहे है।
जयकार यात्रा नगर के विभन्न मार्गों से होती हुई पेटलावद रोड स्थित वर्धमान स्थानक भवन पहुंचकर धर्मसभा में परिवर्तित हो गई। जहां धर्ममसभा को संबोधित करते हुए प्रवर्तकश्री जिनेंद्रमुनिजी ने कहा कि सयंम मार्ग में ही सच्चा सुख है। छोड़ने जैसा संसार, लेने जैसा सयंम और पाने जैसा मोक्ष है। मनुष्य इसे लक्ष्य बनाकर अपने अपने जीवन में उतारकर अपनी आत्मा का कल्याण कर सकता है।इस अवसर पर मुमुक्षु प्रियांश लोढ़ा ने भी विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहां कि साधु जीवन एकमात्र ऐसा मार्ग है जिस पर चलकर स्वयं का आत्म कल्याण किया जा सकता है। हम जो जीवन जी रहे हैं वह सच्चा जीवन नहीं हैं बल्कि संयम जीवन ही सच्चा जीवन है। अणु नवयुवक मंडल व श्री संघ द्वारा मुमुक्षु भाई का बहुमान किया गया। सभा का संचालन श्री संघ अध्यक्ष विमल मुथा ने किया। स्वागत गीत महिला मंडल द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस दौरान आसपास के क्षेत्रो से भी श्री संघ बामनिया पहुंचे। सजेंली श्री संघ द्वारा प्रवर्त्तकश्री से आगमी 2023 वर्षावास सजेंली को प्रदान करने की विनती रखी गई। नवकारसी व आतिथ्य सत्कार का लाभ मुथा परिवार व प्रभावना का लाभ पटवा परिवार ने लिया।


