सिद्धार्थ कांकरिया @ थांदला
थांदला। आचार्य श्री उमेशमुनिजी के सुशिष्य धर्मदास गणनायक प्रवर्तकश्री जिनेंद्रमुनिजी के आज्ञानुवर्ती अणुवत्स संयतमुनिजी, आदित्यमुनिजी, अमृतमुनिजी, अचलमुनिजी ठाणा 4 स्थानीय पौषध भवन पर एवं साध्वी निखिलशीलाजी, दिव्यशीलाजी, प्रियशीलाजी, दीप्तिजी ठाणा 4 दौलत भवन पर वर्षावास हेतु विराजित है। यहां ज्ञान, दर्शन, चारित्र एवं तप की विशिष्ट आराधना में श्रावक-श्राविकाएँ उत्साहपूर्वक भाग ले रहे हैं। संत एवं साध्वी मंडल के सानिध्य में प्रतिदिन राईय प्रतिक्रमण, प्रार्थना, व्याख्यान प्रातः 09 से 10 बजे तक, दोपहर में वाचनी एवं ज्ञान चर्चा, शाम को देवसीय प्रतिक्रमण, चौवीसी एवं गुरु गुणगान स्तुति आदि विविध धर्माराधनाएं हो रही हैं।
कई आराधक वर्षों से कर रहे पक्खी पर्व का उपवास
संत एवं साध्वी मंडल के सानिध्य में श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ द्वारा 17 सितंबर मंगलवार को पक्खी पर्व जप-तप, त्याग, तपस्या व विविध आराधनाओं के साथ मनाया जाएगा। इस प्रसंग पर श्रावक-श्राविकाएं पौषध, उपवास, आयंबिल, नीवीं, एकासन, बियासन आदि विविध तप आराधना करेगें। शाम को 06 : 30 बजे से पक्खी प्रतिक्रमण प्रारंभ होगा। श्रावक वर्ग का प्रतिक्रमण पौषध भवन पर व श्राविका वर्ग का प्रतिक्रमण दौलत भवन पर होगा।
आराधना करने की संयमी आत्माओं ने दी प्रेरणा
संयमी आत्माओं ने समस्त श्रावक-श्राविकाओं से पक्खी पर्व पर अधिक से अधिक तप, त्याग एवं अपनी शक्ति अनुसार धर्म आराधना आदि करने की प्रेरणा दी। उल्लेखनीय है कि प्रत्येक पक्खी पर्व पर बड़ी संख्या में श्रावक -श्राविकाएं सामूहिक उपवास सहित विभिन्न आराधना करते है। कई आराधक विगत कई वर्षो से प्रत्येक पक्खी पर्व पर उपवास तप की आराधना करते आ रहे है। पक्खी पर्व की आराधना को लेकर श्रावक -श्राविकाओं में विशेष उत्साह दिखाई देता है। वहीं श्रावक -श्राविकाएं अपनी शक्ति अनुसार कुछ न कुछ तप आराधना अवश्य करते है।
कम उम्र के आराधक भी मासक्षमण की ओर अग्रसर
पर्युषण पर्व के बाद भी यहां संयमी आत्माओं के सानिध्य में तपस्याओं का दौरा जारी है। इसके अंतर्गत कम उम्र के आराधक भी कठोर मासक्षमण तप की ओर अग्रसर है। इधर विभिन्न क्षेत्रों के श्रीसंघ भी यहां चारित्र आत्माओं के दर्शनार्थ पहुंचकर संघ से हुई अविनय, असातना के लिए क्षमापना कर रहे हैं। रविवार को धर्मलता जैन महिला मंडल की सचिव गरिमा दिलीप श्रीश्रीमाल व 14 वर्षीय आदिश जितेंद्र चौरड़िया ने 23 – 23 उपवास तथा कमल बाबूलाल छाजेड, निकुंज रंजन गादिया एवं प्रिया दीपेश शाहजी ने 15 – 15 उपवास के प्रत्याख्यान ग्रहण किए। वहीं कई आराधकों ने विभिन्न तप के प्रत्याख्यान ग्रहण किए। श्रीसंघ में तेले व आयम्बिल की लड़ी भी वर्षावास के प्रारंभ से चल रही है। यहां धर्मसभा में वीर पुत्र सौरभ मूणत ने विचार व्यक्त किए। संचालन श्री संघ के सचिव प्रदीप गादिया ने किया।


