सिद्धार्थ कांकरिया @ थांदला
थांदला। शिक्षा जीवन के 16 संस्कारों में से एक महत्वपूर्ण संस्कार है। भारतीय संस्कृति में शिक्षा का विशेष महत्व है। हमारे देश में यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। पहले गुरुकुल में शिक्षा दी जाती थी। अब इन्हीं गुरुकुल आधुनिक स्वरूप ले लिया है। लेकिन संस्कार वही है।
यह बात न्यू हिमालया एजुकेशनल एकेडमी के डायरेक्टर बुरहान कल्याणपुरा वाला ने नवीन सत्र की शुरुआत में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कही।
उल्लेखनीय है कि उक्त स्कूल में मंगलवार को शासन के निर्देशानुसार नवीन विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों का तिलक लगाकर स्वागत किया गया।
इस अवसर पर संस्था प्राचार्य सुहेल अहमद ने विद्यार्थियों को टाफी वितरण कर खेल-खेल में पढ़ाई के महत्व को समझाया। संस्था स्टाफ ने बच्चो को प्रथम दिवस पर विभिन्न गतिविधि करवा कर शिक्षा के प्रति रुझान जाग्रत किया।


