सिद्धार्थ कांकरिया @ थांदला
थांदला। झारखंड के हजारीबाग क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध जैन तीर्थ सम्मेद शिखरजी क्षेत्र को सरकार द्वारा पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में थांदला के सकल जैन समाज द्वारा महारैली निकालकर अनुविभागीय अधिकारी को एक ज्ञापन राष्ट्रपति प्रधानमंत्री केंद्रीय पर्यावरण मंत्री और झारखंड के मुख्यमंत्री के नाम दिया गया।
उल्लेखनीय है कि सम्मेद शिखरजी समग्र जैन समाज की आस्था का केंद्र है। इस स्थान पर 20 तीर्थंकरों को मोक्ष प्राप्त हुआ था। इसीलिए इस स्थान को ‘तीर्थराज’ भी कहा जाता है। मान्यता है कि उक्त तीर्थराज की यात्रा मात्र से मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं उक्त तीर्थ स्थान पर तीर्थंकरों और जैन मुनियों के पद चिन्ह, स्मृति चिन्ह आज भी मौजूद है।
समाजजनों ने ज्ञापन में मांग की है कि जैन धर्म की आधारशिला ‘अहिंसा परमोधर्म’ है। झारखंड सरकार और केंद्र सरकार के उक्त क्षेत्र को पर्यटन स्थल घोषित करने के फैसले से समाजजनों की भावनाएं आहत हुई है। समाज की भावना को आहत नहीं करते हुए सरकार अपना निर्णय तुरंत वापास ले।
इस अवसर पर स्थानकवासी जैन समाज के अध्यक्ष जितेंद्र घोड़ावत मूर्तिपूजक जैन समाज के अध्यक्ष कमलेश जैन भाई जी तेरापंथ महासभा के अध्यक्ष अरविंद रुनवाल दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष अरुण कोठारी के नेतृत्व में समाज जनों ने विशाल रैली निकाली रैली में शामिल नागरिकों ने विरोध स्वरूप अपने हाथों में काली पट्टियां बांध रखी थी। रैली में बड़ी संख्या में महिलाएं, युवतियां, समाज के पदाधिकारी वरिष्ठजन, युवा, बच्चे शामिल रहे।

नप उपाध्यक्ष ने भी सौंपा ज्ञापन
वही नगर परिषद उपाध्यक्ष पंकज राठौड़ ने भी उक्त फैसले को वापस लेने के लिए जैन समाज के पक्ष में एक ज्ञापन सरकार के नाम सौंपा है।। उक्त ज्ञापन का वाचन भाजपा के युवा नेता संजय भाबोर द्वारा किया गया।
वहीं जैन समाज द्वारा दिए गए ज्ञापन का वाचन वर्धमान स्थानकवासी जैन समाज के अध्यक्ष जितेंद्र घोड़ावत ने किया। आभार मूर्तिपूजक संघ के अध्यक्ष कमलेश दायजी ने माना।


