सिद्धार्थ कांकरिया @ थांदला
अंतरप्रांतीय और अंतरराज्यीय मार्ग पर संकेतक नहीं होने से वाहन चालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यह मार्ग प्रदेश को राजस्थान, गुजरात से भी जोड़ता है। इतने महवपूर्ण मार्ग पर संकेतक नही होने से प्रतिदिन हजारों वाहन चालक भ्रम की स्थिति में आ रहे है। इससे एक और जहां वाहन चालकों के समय बर्बाद हो रहा है वही अतिरिक्त डीज़ल की मार भी वाहन चालक झेल रहे है।
हम बात कर रहे है थांदला -बदनावर मार्ग की। थांदला की शुरुआत में ही सुतरेटी को चौराहे पर संकेतक नहीं होने से वाहन चालकों में भ्रम की स्थिति बन रही है। चौराहे पर ही संकेतक नही होने से वाहन चालकों को कई बार बामनिया घूमकर पेटलावद पहुंचना पड़ रहा है। कई वाहन चालक भूलवश सुतरेटी मार्ग की और निकल जाते है। जो ग्रामीण क्षेत्र में आता है।
दिन में तो फिर भी वाहन चालक राहगीरों से रास्ता पुछकर गंतव्य के लिए निकल जाते है। लेकिन रात में यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सहित, गुजरात और राजस्थान से आने जाने वाले वाहन चालक इस मार्ग का उपयोग करते है। इधर प्रदेश के झाबुआ, गुजरात के दाहोद, राजस्थान के कुशलगढ की ओर जाने वाले वाहन चालक भी संकेतक नही होने से रास्ता भटक रहे है। इसी मार्ग का उपयोग वाहन चालक इंदौर, उज्जैन, रतलाम आदि शहर जाने के लिए भी करते हैं।
आम नागरिकों और वाहन चालकों ने प्रशासन से उक्त महत्वपूर्ण मार्ग पर संकेतक बनाने की मांग की है। उल्लेखनीय हैं कि पूर्व में उक्त मार्ग पर एमपीआरडीसी विभाग द्वारा संकेतक बनाया था। किसी कारणवश यह संकेतक टूट गया है।
क्या कहते है जिमेदार
इस संबंध में एमपीआरडीसी के अधिकारी श्याम कुमार गुप्ता ने बताया कि मुझे मामले की जानकारी नही है। यदि संकेतक नही है तो उसे शीघ्र ही बना लिया जाएगा।


