सिद्धार्थ कांकरिया @ थांदला
थांदला। अणुवत्स संयतमुनिजी आदि ठाणा-4 व साध्वी निखिलशीलाजी आदि ठाणा-4 के सानिध्य में तपस्याओं का दौर जारी है। तपस्या के क्रम में श्री धर्मलता जैन महिला मंडल की सचिव गरिमा दिलीप श्रीश्रीमाल ने *30 उपवास* की कठोर तपस्या पूर्ण की । वर्षावास का यह ग्यारहवा मासक्षमण पूर्ण हुआ। तपस्या पूर्ण होने पर तपस्वी के आवास से जयकार यात्रा निकाली गई। जयकार यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल थे। यात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई पोषध – भवन पर पहुंचकर बहुमान सभा में परिवर्तित हो गई।

यहाँ अणुवत्स संयतमुनिजी ने कहा कि -भगवान ने संसार के जीवों को सुख का मार्ग बताया और दुःख का मार्ग भी बताया। सुख के मार्ग पर चलने की और दुःख के मार्ग से बचने की।
सभा में साध्वी मंडल और मुनीमंडल ने स्तवन प्रस्तुत किया।
सभा का संचालन श्रीसंघ सचिव प्रदीप गादिया ने किया। सभा में विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार भी व्यक्त किए। व्याख्यान प्रभावना का लाभ कलावती माणकलाल श्रीश्रीमाल परिवार ने लिया।
30 उपवास के तपस्वी गरिमा श्रीश्रीमाल का श्रीसंघ की और से विभिन्न महानुभावों ने तप की बोली लगाकर शॉल ओढ़ाकर, माला पहनाकर बहुमान किया।


