सिद्धार्थ कांकरिया @ थांदला
थांदला। अपनी पहचान छुपाकर अंचल की आदिवासी नाबालिग बालिका को झांसा देने वाले युवक की गिरफ्त से बालिका छुड़ा लिया है।
पूरे कार्य मे बाल कल्याण समिति झबुआ, स्थानीय प्रशासन और पश्चिम बंगाल पुलिस का सरहानीय योगदान रहा हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अंचल की नाबालिक बालिका अपने परिजनों के साथ गत दिनों मजदूरी करने कोटा राजस्थान गई हुई थी। जहां पश्चिम बंगाल कूच बिहार निवासी जहांगीर खान भी मजदूरी का कार्य कर रहा था। इस दौरान जहांगीर ने आदिवासी नाबालिग बालिका से अपनी पहचान छुपा कर संपर्क किया। कुछ दिनों बाद बालिका अपने परिजनों के साथ वापस अपने गांव लौट आई। जहां जहांगीर लगातार बालिका से दूरभाष पर संपर्क करता रहा। जहांगीर ने उसे थांदला रोड रेलवे स्टेशन बुलाकर अपने साथ पश्चिम बंगाल ग्रह ग्राम ले गया। जहां जहांगीर और उसके परिजन की हकीकत नाबालिग लड़की के सामने आई। इसके बाद लड़की ने जहांगीर से उसे वापस अपने गांव छोड़ने की बात कही। जिस पर जहांगीर ने कहा कि मेरे पास पैसे नहीं है। तुम अपने पिता से कुछ पैसे मंगवा लो। उसके बाद में छोड़ आऊंगा। लड़की ने अपने पिता से संपर्क कर जहांगीर के बैंक खाते में कुछ पैसे भी जमा करवाए। लेकिन जहांगीर उसके बाद भी उसे छोड़ने को तैयार नहीं हुआ। इसके बाद बाल कल्याण समिति झाबुआ में लड़की के परिजनों ने आवेदन दिया। जिस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए पुलिस को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई। वहीं पश्चिम बंगाल पुलिस के माध्यम से जहांगीर की लोकेशन को ट्रेस कर दबिश दी गई। और बालिका को जहांगीर से छुड़ा लिया। आदिवासी दिवस के दिन बालिका को उसके परिजनों के सुपुर्द किया गया। साथ ही बाल कल्याण समिति द्वारा जहांगीर के विरुद्ध अपराधी प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तारी किए जाने के लिए पुलिस अधीक्षक को एक आवेदन भी दिया गया है।


