सिद्धार्थ कांकरिया @ थांदला
थांदला। इन दिनों नगर में ओवरलोडिंग वाहनों की भरमार है। नगर के मुख्य मार्ग हो या प्रवेश द्वार चारों ओर ओवरलोडिंग वाहन आसानी से दिखाई दिए जा सकते हैं। जहां चंद रुपए और समय बचाने की लालच में यात्री अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। वहीं वाहन चालक भी मौकों का भरपूर फायदा उठाते हुए ओवरलोडिंग वाहन सड़कों पर सरपट दौड़ा रहे हैं।
इधर पुलिस अधीक्षक पद्म विलोचन शुक्ल द्वारा दुर्घटनाओं को कम करने और यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए कई नवाचार किए जा रहे हैं। जिसके चलते स्वयं एसपी शुक्ल ने अपने महकमे के सभी अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को वाहन चलाते समय हेलमेट पहनने की अनिवार्यता की थी। उल्लेखनीय है कि हाल ही के दिनों में हेलमेट न पहनने के कारण दो पुलिसकर्मियों पर एसपी द्वारा कार्यवाही भी की गई थी।
लेकिन जमीनी स्तर पर इस क्षेत्र में अभी भी कई सुधार की आवश्यकता दिखाई दे रही है। वाहनों पर लगातार हो रही ओवरलोडिंग को रोकना पुलिस के लिए चुनौती बन गया है। इन दिनों शादी समारोह भी चल रहे हैं। ऐसे में बसों, जीपों, टेंपो में आसानी से ओवरलोडिंग देखी जा रही है। नागरिकों का आरोप है कि जिम्मेदार अधिकारी केवल चौराहों पर खड़े रहकर अपने काम से इतिश्री कर रहे हैं।
इधर ओवरलोडिंग की बानगी यह है कि तीन पहिया और चार पहिया वाहनों में वाहन चालक विद्यार्थियों को वाहनों की छतों पर बिठाकर पुलिस थाने के सामने से ही ले जा रहे हैं। लेकिन ऐसे वाहनों पर अब तक कोई कार्रवाई ना होना बड़ा प्रश्न बनता जा रहा है।
बता दे की पूर्व में भी एक निजी स्कूली वाहन की टक्कर हो गई थी। जिसमें कई विद्यार्थी घायल हो गए थे। हालांकि इन दुर्घटनाओं के बाद भी वाहनों में बैठने वाले लोग, विद्यार्थी और प्रशासन कोई सबक नहीं ले रहा है। बड़ा सवाल यह है कि आखिर कब इन ओवरलोड वाहनों पर कार्यवाही होगी। या स्थानीय प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है।
इस संबंध में थाना प्रभारी बृजेश कुमार मालवीय का कहना है कि ओवरलोडिंग वाहनों के खिलाफ मुहिम चलाई जा रही हैं। कुछ दिनों पहले सभी स्कूलों के संचालकों की बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें उन्हें हिदायत दी गई थी कि विद्यार्थियों को ओवरलोड वाहनों में ना बैठाए। आगामी दिनों में ओवरलोड वाहनों के खिलाफ फिर से मुहिम शुरू की जाएगी।


