सिद्धार्थ कांकरिया @ थांदला
थांदला। *राधिका* 16 वर्ष की वह बेटी जो पिछले 5 वर्षों से अपने गांव तलावली, शैक्षणिक संस्था थांदला का नाम खेल जगत में रोशन कर रही है। शासकीय कन्या उत्कृष्ट माध्यमिक विद्यालय की यह छात्रा कक्षा 10वी में अध्ययनरत है। हाल ही में उसने दौड़ प्रतियोगिता में पूरे प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। विडंबना यह है कि राधिका ने यह सफलता स्वयं अपने बलबूते पर प्राप्त की है। विभागीय सहायता और अन्य कोई सहायता नहीं मिलने से राधिका के परिजनों में काफी आक्रोश भी है। राधिका और उनके परिजनों का मानना है कि यदि कोई विभागीय मदद या अन्य कोई सहायता मिल जाती तो प्रदेश कि उक्त प्रतियोगिता में वह और भी उच्च स्तर पर रहती।
ग्रामीण परिवेश में पली-बढ़ी राधिका मेडा के पिता तुलसीराम मेडा बताते हैं कि राधिका भोपाल, सिंगरौली, जबलपुर, देवास आदि स्थानों पर आयोजित प्रतियोगिता में भाग ले चुकी है। हाल ही में अलीराजपुर में आयोजित (अंडर 17) प्रतियोगिता में भाग लेते हुए 100 मीटर और 200 मीटर दौड़ में दूसरा स्थान प्राप्त करने के बाद भोपाल में आयोजित 66 वीं राज्य स्तरीय शालेय प्रतियोगिता में राधिका ने 100 मीटर में दूसरा स्थान, और 400 मीटर में चौथा स्थान प्राप्त किया।
इसके अलावा राधिका ने 10 अक्टूबर 2019 में अलीराजपुर में आयोजित (अंडर 14) विभागीय राज्य एथलेटिक्स प्रतियोगिता में 100 मीटर और 200 मीटर में क्रमशः द्वितीय और प्रथम स्थान प्राप्त किया।
3 अक्टूबर 2021 को अंडर -16 मध्य प्रदेश एथलेटिक्स एसोसिएशन के तत्वाधान में आयोजित स्टेट चैंपियनशिप में 400 मीटर की दौड़ में तीसरे स्थान पर रही।
18 दिसंबर 2021 को जूनियर वर्ग में आयोजित विभागीय राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में 100 और 200 मीटर की दौड़ में द्वितीय स्थान।
21 दिसंबर 2021 को सिंगरौली में आयोजित मध्य प्रदेश एथलेटिक्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में 100 और 300 मीटर की दौड़ में पांचवा स्थान।
जबलपुर में आयोजित प्रदेश स्तरीय क्रॉस कंट्री (अंडर 16) में 2000 मीटर दौड़ में टॉप 10 रही।
द्वितीय ओपन स्टेट एथलेटिक्स चैंपियनशिप देवास में 100 मीटर दौड़ में 7वे स्थान पर रही।
राधिका की इन उपलब्धियों के पीछे राधिका के परिजनों उनके पिता तुलसीराम मेडा और स्वयं राधिका की अटूट मेहनत है। लंबे समय से खेल जगत में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली राधिका खेल के साथ पढ़ाई में भी पीछे नहीं हैं। विभिन्न स्थानों पर आयोजित होने वाली प्रतियोगिता में वह खेल सामग्री के साथ अपनी पुस्तकें भी ले जाती है। समय-समय पर उन्हें अध्ययन भी करती है। राधिका प्रतिदिन 5 से 6 घंटे मैदान पर पसीना बहाती है। वही स्कूल के अतिरिक्त 3 घंटे पढ़ाई भी कर रही है।
राधिका के पिता तुलसीराम मेडा बताते हैं कि वह राधिका के साथ ज्यादातर समय मैदान में बिताते हैं। कोच के अभाव में वे ही राधिका के कोच हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि राधिका के प्रदर्शन को देखते हुए उसे उच्च स्तरीय प्रशिक्षण दिया जाए। ताकि वह अपने देश का नाम गौरवान्वित कर सके।


